ब्रज
बांसुरी" की रचनाएँ .......डा श्याम गुप्त ...
मेरे शीघ्र प्रकाश्य ब्रजभाषा
काव्य संग्रह ..."
ब्रज बांसुरी " ...की ब्रजभाषा में रचनाएँ
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कृति--- ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा में विभिन्न काव्यविधाओं की रचनाओं का
संग्रह )
रचयिता ---डा श्याम गुप्त
--- सुषमा गुप्ता
प्रस्तुत है .....भाव अरपन .आठ ....मुक्तक ....सुमन -१ व१ ७ .....
मुक्तक -सुमन १...
'जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई '
दुरदसा लखि भजन की मीरा बहुत रोई |
मूढ़ मैं जानी न सत्ता होगी मोर-मुकुट कभी-
कहें सत्ताधारी कों सब, मेरो पति सोई ||
मुक्तक--सुमन -६
दुःख कों जीतन कौ है याही एक उपाय ,
कै कबहुं कबहुं दुःख हूँ सिर ओढ़ो जाय |
दरद जीतिबे कौ है सचमुच याही मंतर,
कै दरद दिवानौ बनिकें जीयौ जाय ||
3 टिप्पणियां:
बहुत खूब .....शिक्षा प्रद प्रस्तुति
बहुत खूब .....शिक्षा प्रद प्रस्तुति
धन्यवाद --कविता जी ....
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