बुधवार, 25 जनवरी 2012

एक अगीत ...खुशहाल गणतंत्र ...डा श्याम गुप्त

वे राष्ट्रगान गाकर 
जनता को देश पर मर मिटने की,
कसम दिलाकर ;
बैठ गये लक्ज़री कार में जाकर ।      
टोपी पकडाई पी ए को,
अगले वर्ष के लिये -
रखे धुलाकर ॥

 
 हमारा सच्चा खुशहाल गणतंत्र दिवस ,
तब होगा, जब हमारा प्यारा भारत ;        
भ्रष्टाचार, अनैतिकता से मुक्त होगा ।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

अब नर नवजात भ्रूण ह्त्या .... डा श्याम गुप्त


                       यह समाचार जान कर निश्चय ही यह तथ्य सही ठहरता है कि इन सब सामाजिक बुराइयों  का मूल कारण  मानव आचरण  है न कि स्त्री उत्प्रीणन  आदि आदि...जब जिसका पक्ष भारी होजाता है वह दूसरे पर उत्प्रीणन करने लगता है ....
              यह भी जानना चाहिए कि उपरोक्त चित्रित समाचार में जो चर्च का कथन चिन्हांकित -----उसके भी गहन अर्थ हैं   कि -- इस बहाने चर्च प्रचार करना चाहता है...
---- पिछली सदी से ही मेघालय में चर्च सक्रिय है ...काफी जनता ईसाई है परन्तु फिर भी चर्च के कथनानुसार नैतिक मूल्यों में गिरावट आरही है ...क्यों ...तो अब तक ...चर्च का रोल क्या रहा ..???
---अब तक चर्च क्या कर रहा था ...जो माताओं , महिलाओं को मान -मर्यादा के बारे में बताएगा .....भारतीय महिलाओं की मान -मर्यादा के बारे में चर्च को क्या पता .....
-----मातृ सत्तात्मकता में क्यों नर भ्रूण की ह्त्या होनी चाहिए ?  ....यह सीधा सीधा अनैतिकता का मामला है....