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बुधवार, 25 जनवरी 2012

एक अगीत ...खुशहाल गणतंत्र ...डा श्याम गुप्त

वे राष्ट्रगान गाकर 
जनता को देश पर मर मिटने की,
कसम दिलाकर ;
बैठ गये लक्ज़री कार में जाकर ।      
टोपी पकडाई पी ए को,
अगले वर्ष के लिये -
रखे धुलाकर ॥

 
 हमारा सच्चा खुशहाल गणतंत्र दिवस ,
तब होगा, जब हमारा प्यारा भारत ;        
भ्रष्टाचार, अनैतिकता से मुक्त होगा ।