बुधवार, 25 जनवरी 2012

एक अगीत ...खुशहाल गणतंत्र ...डा श्याम गुप्त

वे राष्ट्रगान गाकर 
जनता को देश पर मर मिटने की,
कसम दिलाकर ;
बैठ गये लक्ज़री कार में जाकर ।      
टोपी पकडाई पी ए को,
अगले वर्ष के लिये -
रखे धुलाकर ॥

 
 हमारा सच्चा खुशहाल गणतंत्र दिवस ,
तब होगा, जब हमारा प्यारा भारत ;        
भ्रष्टाचार, अनैतिकता से मुक्त होगा ।

3 टिप्‍पणियां:

vikram7 ने कहा…

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........

RITU BANSAL ने कहा…

टोपी पकडाई पी ए को,
अगले वर्ष के लिये -
रखे धुलाकर ॥
अच्छा व्यंग है..
:)
kalamdaan.blogspot.com

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद...विक्रम जी व रितु जी .....