शुक्रवार, 30 मार्च 2012

बाल गीत .... दुर्गा जी ...डा श्याम गुप्त ...



भक्तों की तारिणी माँ,
आठ  भुजा धारी है ।
कर में त्रिशूल, कमल,
खड्ग  गदा धारी है  ।

शंख चक्र  धनु बाण ,
ओउम करतल सोहे।
स्वर्ण आभूषण जटित,
धवल कांति मन मोहे ।

शैलपुत्री,  चंद्रघंटा ,
कूष्मांडा,ब्रह्मचारिणी।
स्कंदमाता, कालरात्रि,
और  कात्यायिनी ।

महागौरी,  सिद्धिदात्री,
नौ   रूप  धारी   है।
मुख पर मुस्कान मृदुल,
दुष्ट दमनकारी है ।

सृष्टि की सृजक माता,
जग पालन हारी है।
आदिशक्ति,जगदम्बे,
लाल  वस्त्र  धारी है।

दुर्गति निवारिणी माँ,
दुःख: हरण हारी है।
बच्चो ! ये दुर्गा माँ,
सिंह की सवारी है ।।


 

कोई टिप्पणी नहीं: